Monday, February 29, 2016

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती...., 

अपना वजूद भूलाना पडता है

किसी को अपना बनाने के लिए...।

औरो की तरह हम नही लिखते है डायरियां..!!


बस याद उसकी आती है और बन जाती है शायरियाँ..!!

माँगना भूल न जाऊँ तुम्हें हर नमाज़ के बाद,
इसलिये मैंने तुम्हारा नाम दुआ रख दिया !!

��काश ..... " हम " भी सुन पाते ....

... सुना है " तेरी " धड़कने .. " मेरा "
नाम लेती है.

��काश ..... " हम " भी सुन पाते ....

... सुना है " तेरी " धड़कने .. " मेरा "
नाम लेती है.

��मेरे अंदर कोई नन्हा सा परिंदा, इक मुहब्बत की फ़ज़ा चाहता है...!!!

Friday, February 26, 2016

बेफाम मले छे

छे मरवा नो एकज फायदाे
बधानी लागनीओ बेफाम मले छे।

मुस्कुराने.......

तेरे मुस्कुराने का असर सेहत पे होता है
लोग पूछ लेते है... दवा का नाम क्या है !

✍🏻Sachin

Thursday, February 25, 2016

इश्क.......

हम दोनों ही डरते थे
एक दुसरे से बात करने में....
मुझे इश्क था इसलिए....
और उसे....
इश्क ना हो जाए इसलिए.

यादे....

वो मिलते है आज भी तो पूछते है…
हम ज्यादा सताते थे या यादे हमारी

मीरा दीवानी

फिर मूरत से बाहर आकर
चारों ओर बिखर जा
फिर मन्दिर को को‌ई मीरा
दीवानी दे मौला

Monday, February 22, 2016

Sachin

मैंने कब कहा कीमत समझो
तुम मेरी हमें बिकना ही होता
तो यूँ तन्हा ना होते !!

✍🏻Sachin

आख़री साँसों

कोई थामे है हाथ आख़री साँसों में जैसे,
तेरी यादों को
हमनें कुछ यूँ संभाल रखा है...!!!

तेरी

कोई फ़ूल जैसे किताब में रखे हुए है,
हमनें तेरी ख़ुशबू को लहज़े में समा रखा है...!!!

तन्हाइयों

करती नहीं शिकायतें मुझसे ज़रा भी,
तन्हाइयों को मैंने,
हाल-ऐ-तमाम बता रखा है...!!!

तेरे हाथ अलग , मेरे हाथ अलग !!!!

न चाहत के अंदाज अलग ,

न दिल के थे जज्बात अलग ....

ये तो है बात लकीरों की ...

तेरे हाथ अलग , मेरे हाथ अलग !!!!

मोहब्बत

कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की,
हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती....!!!

इश्क

इक बात कहूँ "इश्क",
बुरा तो नहीँ मानोगे....

बङी मौज के थे दिन,
तेरी पहचान से पहले.

उदास

मैं ज़िंदा हूँ , ये एहसास रहने दो,
कुछ और देर मुझको उदास रहने दो

मेरी ज़िन्दगी में खुशियाँ तेरे बहाने से है,
आधी तुझे सताने से है,
आधी तुझे मनाने से है..

प्यार...

प्यार आज भी तुझसे इतना ही है …
बस  तुझे एहसास नही और हमने जताना ही छोड़ दिया

धोखा दिया.....

धोखा दिया था जब तूने मुझे.
जिंदगी से मैं नाराज था,
सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं.
मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था

प्यार आज भी तुझसे इतना ही है …
बस  तुझे एहसास नही और हमने जताना ही छोड़ दिया

जिद गजब की हैं...

हम उनको मनाने जायेंगे उनकी उम्मीद गजब की है..
वे खुद चलकर आयेंगे हमारी भी जिद गजब की हैं..

किस्मत की किताब....

किस्मत की किताब तो खूब लिखी थी मेरी रब ने…...! बस
वही पन्ना गुम था जिसमे तेरा ज़िक्र था.....!!

मेरी चाहत

मेरी चाहत को मेरे हालत
के तराजु में नां तोल,
मैंने वो जखम भी खाऐं हैं
जो मेरी किसमत में नहीं थे…

कबख़्त इश्क

औक़ात नही थी जमाने में
जो मेरी कीमत लगा सके,
कबख़्त इश्क में क्या गिरे,
मुफ़्त में नीलाम हो गए..

Wednesday, February 17, 2016

Wel come

रसम अहींनी नोखी
रीवाज अहीना नोखा,

अमारे तो शब्द ज
कंकू अने चोखा

तमन्ना

लाशको कफ़न, मज़ारको चादर नसीब हो,
मूर्तिओको मलमलका कपड़ा हज़ार नसीब हो,
एक गरीबका बचपन थर्रा रहा है ठंडसे,
कंबल ना सही ओढ़नेके लिए एक अख़बार नसीब हो…
-तमन्ना

Tuesday, February 16, 2016

चुप हैं किसी सब्र से तो पत्थर न समझ हमें...
दिल पे असर हुआ है तेरी हर एक बात का...

क्या ओकात है तेरी ए जिन्दगी,
चार दिन की मोहब्बत भी तुझे बरबाद कर देती है !

Monday, February 15, 2016

पता नहीं कब जाएगी तेरी लापरवाही की आदत,
पागल…
कुछ तो संभाल कर रखता...
मुझे भी खो दिया..!

Saturday, February 13, 2016

तन्हा

तेरे बारे मे जब सोचा न था
तन्हा था लेकीन इतना न था ||

Vasant Panchmi

सहेलू नथी वसंत नु सौंदर्य माणवु
भाषा ओ शिखवी पड़े छे सुगंधनी

तुम खड़े तो थे

तुम जिंदगी से जीते नही पर लड़े तो थे!
ये बात कम नही की तुम जिद्द पर अड़े तो थे!
ये गम रहेगा हम बचा ना  सके तुम्हें;
वरना हमे बचाने वहां तुम खड़े तो थे!

तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है

तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,

मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।

तुम आये तो खुशी आई

तुम आये तो खुशी आई
लेकिन हंसू अभी कैसे,

कुछ देर तो लगती है
रोकर मुस्कुराने में ।

याद तेरी

आंसुओसे पलके भिगा लेता हूँ
याद तेरी आती है तो रो लेता हूँ

सोचा की भुलादु तुझे मगर,
हर बार फ़ैसला बदल देता हूँ!

मगर तुम साथ हो

कुछ खाश नहीं ईन हाथो की
लकीरो मे...

मगर तुम साथ हो तो ईन हाथो मे...
एक लकीर ही काफी है.!!

मोहब्बत

उसको नही थी,
तो नही थी,

मगर जो मुझे होने लगी थी,
वो मोहब्बत 🏻झूठी नही थी |

अब तम्मना न रही किसी से दिल लगाने कि

फुरसत किसे है जख्मो को सराहने कि,
निगाहे बदल जाती है अपने बेगानो कि,

तुम भी छोड कर चले गए हमे,
अब तम्मना न रही किसी से दिल लगाने कि

कश्मीर बन जाये

कोई शायर तो कोई फकीर बन जाये;
आपको जो देखे वो खुद तस्वीर बन जाये;
ना फूलों की ज़रूरत ना कलियों की;
जहाँ आप पैर रख दो वहीं कश्मीर बन जाये।

तुम्हारा नाम

कितने कम लफ्जों मे जिंदगी को बयान करूँ,
लो तुम्हारा नाम लेकर किस्सा तमाम करूँ !!

किस तरह सताऊं उनको

सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको!
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको!
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा!
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको!

बर्बाद

कया हुआ जो जिन्दगी बर्बाद कर दी
जीना भी तो उसी ने ही सिखाया था कभी

Watan

जिन्हें है प्यार वतन से, वो देश के लिए अपना लहू बहाते हैं
माँ की चरणों में अपना शीश चढ़ाकर, देश की आजादी बचाते हैं
देश के लिए हँसते-हँसते अपनी जान लुटाते हैं…………………………

Watan

Ye Nafrat Buri Hai,
Na Paalo Isay
Dilo Main Khalish Hai, Nikalo Isay
Na Tera, Na Mera ,Na Iska , Na Uska
Ye Sab Ka Watan Hai,Bacha Lo Isay

Watan

Khush naseeb hai wo jo
Watan pe mit jaate hai
Mar kar bhi wo log
Amar ho jaate hai
Karta hoon tumhe saalam
E-watan pe mitne walo
Tumhari har saans mein basta
Tirange ka naseeb hai

Watan

Hawaaon Se Lehrna Hai Toh
Faisle Ka Intzaar Mat Kar

Watan Ki Aabro Salamat Rahe
Tu Apni Parwaah Mat Kar

TIRANGA

Ye baat hawao ko bataye rakhna ,
Roshni hogi chirago ko jalaye rakhna ,
Lahu dekAr jiski hifazat humne ki…
aise TIRANGE ko sada Dil me basaye rakhna

Friday, February 12, 2016

हिन्दुस्तान

करो कुछ ऐसा की देश का सम्मान बढ़ जाए,
मरो तो ऐसा की तिरंगे की शान बढ़ जाए|
भरो पिचकारी ऐसे तीन रंगो की,
जब कपड़ों पर पड़े तो हिन्दुस्तान बन जाए||

तिरंगा

न मस्जिद को जानते हैं , न शिवालों को जानते हैं
जो भूखे पेट होते हैं, वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.

मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है.
की मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है……

में अमन पसंद हूँ, मेरे शहर में दंगा रहने दो…
लाल और हरे में मत बांटो, मेरी छत पर तिरंगा रहने दो

रिश्ते

आंसूओ के प्रतिबिंब गिरे
ऐसे दर्पण कहा है...

बिना कहे सबकुछ समझे
वैसे रिश्ते कहा है.

जुर्म

तुझे चाहने का जुर्म ही तो किया था,
तूने तो पल-पल मरने की सजा दे दी..

माँ का प्यार

और किसी से न रख उम्मिदे वफा कि ऐ दोस्त
.
माँ का प्यार पा ले जिन्दगी मे जन्नत नसीब हो जाएगी

ज़िन्दगी

अगर आपकी वजह से किसी की ज़िन्दगी में कोई तकलीफ़ आए तो उसकी ज़िन्दगी से ऐसे निकल जाना चाहिए जैसे कभी उसकी ज़िन्दगी में आए ही नहीं।

मौत

तमाम गिले-शिकवे भुला कर सोया करो...
यारों....
सुना है मौत किसी को मुलाक़ात का मौका नही देती...

देशप्रेमी

देशप्रेमी ए दिकरो,
शूरवीर साचो संत
हाड हेमाडे गाडयो,
हाल्यो गयो हनुमंत...

अगर यकीं नहीं आता तो आजमाए मुझे

अगर यकीं नहीं आता तो आजमाए मुझे
वो आईना है तो फिर आईना दिखाए मुझे
अज़ब चिराग़ हूँ दिन-रात जलता रहता हूँ
मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे
मैं जिसकी आँख का आँसू था उसने क़द्र न की
बिखर गया हूँ तो अब रेत से उठाए मुझे
बहुत दिनों से मैं इन पत्थरों में पत्थर हूँ
कोई तो आये ज़रा देर को रुलाए मुझे
मैं चाहता हूँ के तुम ही मुझे इजाज़त दो
तुम्हारी तरह से कोई गले लगाए मुझे
- बशीर बद्र

Wednesday, February 10, 2016

Happy Birthday to dear Dhanesh - from Morpichh Group

Ayi Hai Subhah Wo Roshani Leke,
Jaise Naye Josh Ki Nayi Kiran Chamke,
Vishwas Ki Lau Sada jalake Rakhana,
Degi andheron mein rasta diya banke

Baar baar yeh din aaye

Baar baar yeh din aaye,
baar baar yeh dil gaaye,
tu jiye hazaro saal,
yehi hai meri aarzoo,
Happy B’day To You !!!”

Har raah aasan ho

Har raah aasan ho,
Har raah pe khushiya ho,
Har din khubsoorat ho,
Aisa hi poora jivan ho,
Yahi har din meri dua ho,
Aisa hi tumhara har janamdin ho!!!

Us din khuda ne bhi


Us din khuda ne bhi jashn manaya hoga,
Jis din apko apne hathon se banaya hoga,
Usne bhi bahaye honge aansu,
Jis din apko yahan bhej ker, khud ko akela paya hoga.

Happy Birthday

Chehra aapka


Chehra aapka khila rahe gulaab ki tarah,
Naam aapka roshan rahe aaftab ki tarah,
Gham mein bhi aap hanste rehna phoolon ki tarah,
Agar hum kabhi tumhara saath na de paayein
To bhi apna janamdin manaate rehna isi tarah.

 

Khuda kaise karoon shukriya


Khuda kaise karoon shukriya is din ke liye,
Jis din tumhe dharti pe bheja hamare liye,
Na jaane kyon main intezaar kar raha tha,
Shayad janamdin hai tumhara is liye,
Meri har ek dua hai teri lambi umar ke liye,
Dil khud jaanta hai tu na ho dhadkega kis ke liye.

 

Yaar Ka Janamdin

  Agar yaad tumko na rahe apna janamdin,
Check karte rahna yunhi apne mobile ke inbox hardin,
Main kabhi na bhuloonga apne yaar ka janamdin,
Chahe woh ho mera akhiri din,
Aapko zaroor mera yeh msg. milega,
Jispe likha hoga "mubarak ho aapko aapka jamdin".

 

Phoolon ki sugandh se sugandhit ho jeevan tumhara,

Phoolon ki sugandh se sugandhit ho jeevan tumhara,
Taron ki chamak se sammilit ho jeevan tumhara,
Umr aapki ho suraj jaisi,
Yaad rakhe jise hamesha duniya,
Janmdin mein aap mehfil sajayein aap aisi,
Shubh din ye aaye aapke jeevan mein hazaar baar,
Aur hum aapko "Janmdin Mubarak" kehte rahein har baar...

 

प्यार.....

जब कोई ख्याल दिल से टकराता है!
दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है!
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है!
कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!

चाँद

सुबह हुई...
कि छेङने लगा है सूरज मुझको....
कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर„„अब बोलो...!

कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं,
मौत इंसानों को आती है यादों को नहीं..

आँखों में आंशु कि लकीर बन गयी

आँखों में आंशु कि लकीर बन गयी,
कभी न सोचा था ऐसी तक़दीर बन गयी,
हमने तो यु ही राखी थी रेत पे उंगलिया,
गौर से देखा तो आप कि तस्वीर बन गयी.

Monday, February 8, 2016

नींदा फाजली के कुछ लाइनें.......


जन्नत नशिन हो गए यु ही चलते चलते.....
उनकी जींदगी ही एक लाजवाब गझल थी....!!

तड़पने

तड़पने का सलीका जिसे आता हो
इश्क़ करने का हक़ सिर्फ उसी को है...!

क़रीब

तुमने फ़ैसले ही फ़ासले बढ़ाने वाले लिये थे.

वरना

कुछ ना था तुमसे ज़्यादा क़रीब मेरे.....

गम

दिल रोज सजता है,
नादान दुल्हन की तरह..!!
गम रोज चले आते हैं,
बाराती बनकर..!

नज़र

ना जाने कैसी नज़र लगी है ज़माने की,

वजह ही नही मिल रही मुस्कुराने की…

दौलत वालों को दौलतमंद कहो..
अमीर वो है जो ज़मीर रखता है..!!

नही छोड़ी कमी मैने
किसी भी रिश्ते को निभाने में,

आनेवाले को दिल का रास्ता भी दिया
और जानेवाले को रब का वास्ता भी दिया...

कभी रजामंदी,
तो कभी बगावत है इश्क....!!

मोहब्बत राधा की है,
तो मीरा की इबादत है इश्क..!!

धोखा
अगर
ख़ूबसूरत
न होता
तो कौन
खाता...........!

मेरे इश्क़ का इतिहास मत लिखो कि मेरी शहादत अभी बाकी है

कुछ देर ओर ठहरो मेरे हुजरे में कि मेरी इबादत अभी बाकी हैं !!!

लौट आती है हर बार इबादत मेरी खाली,
न जाने किस ऊँचाई पे मेरा खुदा रहता है...!!!

परवाह दिल से की जाती है,
दिमाग से तो बस इस्तेमाल होता है..

मोहब्बत का कोई कसुर नही...

उसै तो मुझसे रुठना ही था...

Nida Fazli passed away!

Very shocking news!
Can't believe!

Jannat nashin ho gaye yu  hi chalte chalte!

Unaki zindagi hi ek lajawab gazal thi!

बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को क्यूकि
इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता..!!

मेरे मरने का एलान हुआ तो उसने भी यह कह दिया,
अच्छा हुआ मर गया बहुत उदास रहता था....!

अगर होता है इत्तेफ़ाक तो यूँ क्यों नहीं होता,

तुम रास्ता भूलो... और मुझ तक चले आओ...

जिन्दगीं में किसी का साथ काफी हैं,
कंधे  पर  किसी का  हाथ  काफी हैं,
दूर हो या पास...क्या फर्क पड़ता हैं,
रिश्तों का तो बस "एहसास" ही काफी हैं.

वो करीब बहुत है..
मगर कुछ दूरियों के साथ !

हम दोनों जी तो रहे है..
पर बहुत सी मजबूरीयों के साथ !

मैं सोचता रहा रात भर.......
मगर फैसला ना कर सका......|
तू याद आ रही है....या मैं याद करता रहा हूँ !

अब खुद से मिलने को मन करता है,
लोगों से सुना है की बहुत बुरे है हम !!

मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहते हैं..
कि जख्म ताज़ा रहे और निशान चले जाये.

जो उनकी आँखों से बयां होते हैं...
वो लफ्ज़ शायरी में कहाँ होते हैं.....

Ghar se maszid bahot dur hai...
Chalo yun karle...
Kisi rote hue bachche ko hasaya jaye....
- Nida fazli

तेरा मेरा शीशेका घर , मै भी सोचुं तुं भी सोच , कयुं दोनोके हाथमे पत्थर,  मै भी सोचुं तुं  भी सोच ।
निदा फाजली

मुँह की बात सुने हर कोई
दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में
ख़ामोशी पहचाने कौन
~ Nida Fazali

हुआ सवेरा 

हुआ सवेरा / निदा फ़ाज़ली

हुआ सवेरा 
ज़मीन पर फिर अदब 
से आकाश 
अपने सर को झुका रहा है 
कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं 
नदी में स्नान करने सूरज
सुनारी मलमल की 
पगड़ी बाँधे 
सड़क किनारे 
खड़ा हुआ मुस्कुरा रहा है 
कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं 
हवाएँ सर-सब्ज़ डालियों में 
दुआओं के गीत गा रही हैं 
महकते फूलों की लोरियाँ 
सोते रास्तों को जगा रही 
घनेरा पीपल,
गली के कोने से हाथ अपने 
हिला रहा है 
कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं 
फ़रिश्ते निकले रोशनी के 
हर एक रस्ता चमक रहा है 
ये वक़्त वो है 
ज़मीं का हर ज़र्रा 
माँ के दिल सा धड़क रहा है 
पुरानी इक छत पे वक़्त बैठा
कबूतरों को उड़ा रहा है
कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं 
बच्चे स्कूल जा रहे हैं.

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है
मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है

अच्छा-सा कोई मौसम तन्हा-सा कोई आलम
हर वक़्त का रोना तो बेकार का रोना है

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है

ग़म हो कि ख़ुशी दोनों कुछ देर के साथी हैं
फिर रस्ता ही रस्ता है हँसना है न रोना है

ये वक्त जो तेरा है, ये वक्त जो मेरा है
हर गाम पर पहरा है, फिर भी इसे खोना है

आवारा मिज़ाजी ने फैला दिया आंगन को
आकाश की चादर है धरती का बिछौना है

निदा फ़ाज़ली

अलविदा निदा साहेब----सलाम

अलविदा निदा साहेब----सलाम
अपनी मज़ॅी से  कहाँ अपने सफर के  हम हैं
रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं।
-------------निदा फ़ाज़ली

घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो युं कर ले ;
किसी रोते हुए बच्चों को हसाया जाए ।

गिनतियों में ही गिने जाते हैं हर दौर में हम
हर क़लमकार की बेनाम ख़बर के हम है ।

कभी बादल, कभी कश्ती, कभी गर्दाब लग

रचनाकार: निदा फ़ाज़ली
कभी बादल, कभी कश्ती, कभी गर्दाब लगे
वो बदन जब भी सजे कोई नया ख्वाब लगे

एक चुप चाप सी लड़की, न कहानी न ग़ज़ल
याद जो आये कभी रेशम-ओ-किम्ख्वाब लगे

अभी बे-साया है दीवार कहीं लोच न ख़म
कोई खिड़की कहीं निकले कहीं मेहराब लगे

घर के आँगन मैं भटकती हुई दिन भर की थकन
रात ढलते ही पके खेत सी शादाब लगे
         निदा फ़ाजली

कभी बादल, कभी कश्ती, कभी गर्दाब लग

रचनाकार: निदा फ़ाज़ली
कभी बादल, कभी कश्ती, कभी गर्दाब लगे
वो बदन जब भी सजे कोई नया ख्वाब लगे

एक चुप चाप सी लड़की, न कहानी न ग़ज़ल
याद जो आये कभी रेशम-ओ-किम्ख्वाब लगे

अभी बे-साया है दीवार कहीं लोच न ख़म
कोई खिड़की कहीं निकले कहीं मेहराब लगे

घर के आँगन मैं भटकती हुई दिन भर की थकन
रात ढलते ही पके खेत सी शादाब लगे
         निदा फ़ाजली

Sunday, February 7, 2016

किसी से प्यार होता है....

रोज तेरा इंतजार होता है,
रोज ये दिल बेकरार होता है,
काश तुम समझ सकते की..
चुप रहने वालो को भी ... ....
किसी से प्यार होता है....

Friday, February 5, 2016

साहिर लुधयानवी  उनके 94 वें वर्षगांठ में  उन्हें सलाम करें

एक रूमानी कवि :

अभी ना जाओ
छोड़ कर कि
दिल अभी
भरा नहीं

एक दार्शनिक कवि :

मै
पल
दो पल का
शायर हूँ

एक खिन्न कवि :

कभी कभी
मेरे दिल में
खयाल आता है

एक समर्पित कवि :

मेरे दिल में
आज क्या है
तू कहें तों
मैं बता दूँ

एक जीवन से संतुस्ट कवि :

मांग के
साथ
तुम्हारा

एक प्रेमिका से समझोता
करने वाला कवि :

चलो
इक बार
फिर से
अजनबी
बन जाए
हम दोनों

एक उदास कवि :

जाने वो
कैसे लोग थे
जिनके
प्यार को
प्यार मिला

एक निश्चित कवि :

मैं
जिंदगी का
साथ
निभाता चला

एक असांसारिक कवि :

ये दुनिया
अगर
मिल भी जाए
तो क्या है

एक देशप्रेमी कवि :

ये
देश है
वीर
जवानों का

एक विद्रोही कवि :

जिन्हें
नाज़ है
हिंद पर
वो
कहाँ है

एक निराशावादी कवि :

तंग
आ चुके है
कशमकश-ए-जिंदगी से
हम

एक मानवतावादी कवि :

अल्ला
तेरो नाम
ईश्वर
तेरो नाम

एक धर्मनिरपेक्ष कवि :

तू
हिंदू
बनेगा
ना
मुसलमान
बनेगा

एक छेड़छाड़ करनेवाला कवि :

ए मेरी
जोहराजबी
तुझे
मालूम नहीं

एक याद ताज़ा करनेवाला कवि :

जिंदगी भर
ना
भूलेगी
ये
बरसात की
रात

इन सभी कवियों का एक ही नाम है :
साहिर लुधयानवी

Thursday, February 4, 2016

कितने सितम करोगे इस टूटे हुए दिल पर...
किसी रोज थक कर बताना जरूर मेरा जुल्म क्या था...!!!

मुझे तो तुमसे नाराज़ होना भी नहीं आता,

ना जाने कितनी मोहब्बत कर बेठे है हम.

पूछने से पहले ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियां,

कुछ आँखें इतनी हाज़िर जवाब होती हैं ।

तेरा मेरा शीशेका घर , मै भी सोचुं तुं भी सोच , कयुं दोनोके हाथमे पत्थर,  मै भी सोचुं तुं  भी सोच ।
-निदा फाजली

कितना मासूम था उनका बात
करनेका लहज़ा...!

जान कह के...
जान ले ली ......!!

घर से बाहर वो नक़ाब मे निकली सारी गली उनकी फिराक मे निकली इनकार करते थे वो हमारी मोहब्बत से ओर हमारी ही तस्वीर उनकी किताब से निकली....

मोहब्बत हाथ में पहनी चुडी की तरह होती है,

खनकती है,
सवरती है और आखिर टूट जाती है, ,,!!!