मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती....,
अपना वजूद भूलाना पडता है
किसी को अपना बनाने के लिए...।
हम दोनों ही डरते थे
एक दुसरे से बात करने में....
मुझे इश्क था इसलिए....
और उसे....
इश्क ना हो जाए इसलिए.
न चाहत के अंदाज अलग ,
न दिल के थे जज्बात अलग ....
ये तो है बात लकीरों की ...
तेरे हाथ अलग , मेरे हाथ अलग !!!!
धोखा दिया था जब तूने मुझे.
जिंदगी से मैं नाराज था,
सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं.
मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था
हम उनको मनाने जायेंगे उनकी उम्मीद गजब की है..
वे खुद चलकर आयेंगे हमारी भी जिद गजब की हैं..
किस्मत की किताब तो खूब लिखी थी मेरी रब ने…...! बस
वही पन्ना गुम था जिसमे तेरा ज़िक्र था.....!!
मेरी चाहत को मेरे हालत
के तराजु में नां तोल,
मैंने वो जखम भी खाऐं हैं
जो मेरी किसमत में नहीं थे…
औक़ात नही थी जमाने में
जो मेरी कीमत लगा सके,
कबख़्त इश्क में क्या गिरे,
मुफ़्त में नीलाम हो गए..
तुम जिंदगी से जीते नही पर लड़े तो थे!
ये बात कम नही की तुम जिद्द पर अड़े तो थे!
ये गम रहेगा हम बचा ना सके तुम्हें;
वरना हमे बचाने वहां तुम खड़े तो थे!
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
आंसुओसे पलके भिगा लेता हूँ
याद तेरी आती है तो रो लेता हूँ
सोचा की भुलादु तुझे मगर,
हर बार फ़ैसला बदल देता हूँ!
कुछ खाश नहीं ईन हाथो की
लकीरो मे...
मगर तुम साथ हो तो ईन हाथो मे...
एक लकीर ही काफी है.!!
फुरसत किसे है जख्मो को सराहने कि,
निगाहे बदल जाती है अपने बेगानो कि,
तुम भी छोड कर चले गए हमे,
अब तम्मना न रही किसी से दिल लगाने कि
कोई शायर तो कोई फकीर बन जाये;
आपको जो देखे वो खुद तस्वीर बन जाये;
ना फूलों की ज़रूरत ना कलियों की;
जहाँ आप पैर रख दो वहीं कश्मीर बन जाये।
सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको!
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको!
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा!
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको!
जिन्हें है प्यार वतन से, वो देश के लिए अपना लहू बहाते हैं
माँ की चरणों में अपना शीश चढ़ाकर, देश की आजादी बचाते हैं
देश के लिए हँसते-हँसते अपनी जान लुटाते हैं…………………………
Ye Nafrat Buri Hai,
Na Paalo Isay
Dilo Main Khalish Hai, Nikalo Isay
Na Tera, Na Mera ,Na Iska , Na Uska
Ye Sab Ka Watan Hai,Bacha Lo Isay
Khush naseeb hai wo jo
Watan pe mit jaate hai
Mar kar bhi wo log
Amar ho jaate hai
Karta hoon tumhe saalam
E-watan pe mitne walo
Tumhari har saans mein basta
Tirange ka naseeb hai
Hawaaon Se Lehrna Hai Toh
Faisle Ka Intzaar Mat Kar
Watan Ki Aabro Salamat Rahe
Tu Apni Parwaah Mat Kar
Ye baat hawao ko bataye rakhna ,
Roshni hogi chirago ko jalaye rakhna ,
Lahu dekAr jiski hifazat humne ki…
aise TIRANGE ko sada Dil me basaye rakhna
करो कुछ ऐसा की देश का सम्मान बढ़ जाए,
मरो तो ऐसा की तिरंगे की शान बढ़ जाए|
भरो पिचकारी ऐसे तीन रंगो की,
जब कपड़ों पर पड़े तो हिन्दुस्तान बन जाए||
न मस्जिद को जानते हैं , न शिवालों को जानते हैं
जो भूखे पेट होते हैं, वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.
मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है.
की मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है……
में अमन पसंद हूँ, मेरे शहर में दंगा रहने दो…
लाल और हरे में मत बांटो, मेरी छत पर तिरंगा रहने दो
और किसी से न रख उम्मिदे वफा कि ऐ दोस्त
.
माँ का प्यार पा ले जिन्दगी मे जन्नत नसीब हो जाएगी
अगर आपकी वजह से किसी की ज़िन्दगी में कोई तकलीफ़ आए तो उसकी ज़िन्दगी से ऐसे निकल जाना चाहिए जैसे कभी उसकी ज़िन्दगी में आए ही नहीं।
अगर यकीं नहीं आता तो आजमाए मुझे
वो आईना है तो फिर आईना दिखाए मुझे
अज़ब चिराग़ हूँ दिन-रात जलता रहता हूँ
मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे
मैं जिसकी आँख का आँसू था उसने क़द्र न की
बिखर गया हूँ तो अब रेत से उठाए मुझे
बहुत दिनों से मैं इन पत्थरों में पत्थर हूँ
कोई तो आये ज़रा देर को रुलाए मुझे
मैं चाहता हूँ के तुम ही मुझे इजाज़त दो
तुम्हारी तरह से कोई गले लगाए मुझे
- बशीर बद्र
Ayi Hai Subhah Wo Roshani Leke,
Jaise Naye Josh Ki Nayi Kiran Chamke,
Vishwas Ki Lau Sada jalake Rakhana,
Degi andheron mein rasta diya banke
Baar baar yeh din aaye,
baar baar yeh dil gaaye,
tu jiye hazaro saal,
yehi hai meri aarzoo,
Happy B’day To You !!!”
Har raah aasan ho,
Har raah pe khushiya ho,
Har din khubsoorat ho,
Aisa hi poora jivan ho,
Yahi har din meri dua ho,
Aisa hi tumhara har janamdin ho!!!
Us din khuda ne bhi jashn manaya hoga,
Jis din apko apne hathon se banaya hoga,
Usne bhi bahaye honge aansu,
Jis din apko yahan bhej ker, khud ko akela paya hoga.
Happy Birthday
Chehra aapka khila rahe gulaab ki tarah,
Naam aapka roshan rahe aaftab ki tarah,
Gham mein bhi aap hanste rehna phoolon ki tarah,
Agar hum kabhi tumhara saath na de paayein
To bhi apna janamdin manaate rehna isi tarah.
Khuda kaise karoon shukriya is din ke liye,
Jis din tumhe dharti pe bheja hamare liye,
Na jaane kyon main intezaar kar raha tha,
Shayad janamdin hai tumhara is liye,
Meri har ek dua hai teri lambi umar ke liye,
Dil khud jaanta hai tu na ho dhadkega kis ke liye.
Agar yaad tumko na rahe apna janamdin,
Check karte rahna yunhi apne mobile ke inbox hardin,
Main kabhi na bhuloonga apne yaar ka janamdin,
Chahe woh ho mera akhiri din,
Aapko zaroor mera yeh msg. milega,
Jispe likha hoga "mubarak ho aapko aapka jamdin".
Phoolon ki sugandh se sugandhit ho jeevan tumhara,
Taron ki chamak se sammilit ho jeevan tumhara,
Umr aapki ho suraj jaisi,
Yaad rakhe jise hamesha duniya,
Janmdin mein aap mehfil sajayein aap aisi,
Shubh din ye aaye aapke jeevan mein hazaar baar,
Aur hum aapko "Janmdin Mubarak" kehte rahein har baar...
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है!
दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है!
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है!
कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
आँखों में आंशु कि लकीर बन गयी,
कभी न सोचा था ऐसी तक़दीर बन गयी,
हमने तो यु ही राखी थी रेत पे उंगलिया,
गौर से देखा तो आप कि तस्वीर बन गयी.
हुआ सवेरा / निदा फ़ाज़ली
हुआ सवेरा
ज़मीन पर फिर अदब
से आकाश
अपने सर को झुका रहा है
कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं
नदी में स्नान करने सूरज
सुनारी मलमल की
पगड़ी बाँधे
सड़क किनारे
खड़ा हुआ मुस्कुरा रहा है
कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं
हवाएँ सर-सब्ज़ डालियों में
दुआओं के गीत गा रही हैं
महकते फूलों की लोरियाँ
सोते रास्तों को जगा रही
घनेरा पीपल,
गली के कोने से हाथ अपने
हिला रहा है
कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं
फ़रिश्ते निकले रोशनी के
हर एक रस्ता चमक रहा है
ये वक़्त वो है
ज़मीं का हर ज़र्रा
माँ के दिल सा धड़क रहा है
पुरानी इक छत पे वक़्त बैठा
कबूतरों को उड़ा रहा है
कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं
बच्चे स्कूल जा रहे हैं.
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है
मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है
अच्छा-सा कोई मौसम तन्हा-सा कोई आलम
हर वक़्त का रोना तो बेकार का रोना है
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
ग़म हो कि ख़ुशी दोनों कुछ देर के साथी हैं
फिर रस्ता ही रस्ता है हँसना है न रोना है
ये वक्त जो तेरा है, ये वक्त जो मेरा है
हर गाम पर पहरा है, फिर भी इसे खोना है
आवारा मिज़ाजी ने फैला दिया आंगन को
आकाश की चादर है धरती का बिछौना है
निदा फ़ाज़ली
अलविदा निदा साहेब----सलाम
अपनी मज़ॅी से कहाँ अपने सफर के हम हैं
रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं।
-------------निदा फ़ाज़ली
घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो युं कर ले ;
किसी रोते हुए बच्चों को हसाया जाए ।
गिनतियों में ही गिने जाते हैं हर दौर में हम
हर क़लमकार की बेनाम ख़बर के हम है ।
रचनाकार: निदा फ़ाज़ली
कभी बादल, कभी कश्ती, कभी गर्दाब लगे
वो बदन जब भी सजे कोई नया ख्वाब लगे
एक चुप चाप सी लड़की, न कहानी न ग़ज़ल
याद जो आये कभी रेशम-ओ-किम्ख्वाब लगे
अभी बे-साया है दीवार कहीं लोच न ख़म
कोई खिड़की कहीं निकले कहीं मेहराब लगे
घर के आँगन मैं भटकती हुई दिन भर की थकन
रात ढलते ही पके खेत सी शादाब लगे
निदा फ़ाजली
रचनाकार: निदा फ़ाज़ली
कभी बादल, कभी कश्ती, कभी गर्दाब लगे
वो बदन जब भी सजे कोई नया ख्वाब लगे
एक चुप चाप सी लड़की, न कहानी न ग़ज़ल
याद जो आये कभी रेशम-ओ-किम्ख्वाब लगे
अभी बे-साया है दीवार कहीं लोच न ख़म
कोई खिड़की कहीं निकले कहीं मेहराब लगे
घर के आँगन मैं भटकती हुई दिन भर की थकन
रात ढलते ही पके खेत सी शादाब लगे
निदा फ़ाजली
रोज तेरा इंतजार होता है,
रोज ये दिल बेकरार होता है,
काश तुम समझ सकते की..
चुप रहने वालो को भी ... ....
किसी से प्यार होता है....
एक रूमानी कवि :
अभी ना जाओ
छोड़ कर कि
दिल अभी
भरा नहीं
एक दार्शनिक कवि :
मै
पल
दो पल का
शायर हूँ
एक खिन्न कवि :
कभी कभी
मेरे दिल में
खयाल आता है
एक समर्पित कवि :
मेरे दिल में
आज क्या है
तू कहें तों
मैं बता दूँ
एक जीवन से संतुस्ट कवि :
मांग के
साथ
तुम्हारा
एक प्रेमिका से समझोता
करने वाला कवि :
चलो
इक बार
फिर से
अजनबी
बन जाए
हम दोनों
एक उदास कवि :
जाने वो
कैसे लोग थे
जिनके
प्यार को
प्यार मिला
एक निश्चित कवि :
मैं
जिंदगी का
साथ
निभाता चला
एक असांसारिक कवि :
ये दुनिया
अगर
मिल भी जाए
तो क्या है
एक देशप्रेमी कवि :
ये
देश है
वीर
जवानों का
एक विद्रोही कवि :
जिन्हें
नाज़ है
हिंद पर
वो
कहाँ है
एक निराशावादी कवि :
तंग
आ चुके है
कशमकश-ए-जिंदगी से
हम
एक मानवतावादी कवि :
अल्ला
तेरो नाम
ईश्वर
तेरो नाम
एक धर्मनिरपेक्ष कवि :
तू
हिंदू
बनेगा
ना
मुसलमान
बनेगा
एक छेड़छाड़ करनेवाला कवि :
ए मेरी
जोहराजबी
तुझे
मालूम नहीं
एक याद ताज़ा करनेवाला कवि :
जिंदगी भर
ना
भूलेगी
ये
बरसात की
रात
इन सभी कवियों का एक ही नाम है :
साहिर लुधयानवी