ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको! किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको! पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा! अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको!
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