ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
कुछ खाश नहीं ईन हाथो की लकीरो मे...
मगर तुम साथ हो तो ईन हाथो मे... एक लकीर ही काफी है.!!
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