ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
आंसुओसे पलके भिगा लेता हूँ याद तेरी आती है तो रो लेता हूँ
सोचा की भुलादु तुझे मगर, हर बार फ़ैसला बदल देता हूँ!
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