ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
तुम जिंदगी से जीते नही पर लड़े तो थे! ये बात कम नही की तुम जिद्द पर अड़े तो थे! ये गम रहेगा हम बचा ना सके तुम्हें; वरना हमे बचाने वहां तुम खड़े तो थे!
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