ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है, जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा, दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
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