ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
मेरी चाहत को मेरे हालत के तराजु में नां तोल, मैंने वो जखम भी खाऐं हैं जो मेरी किसमत में नहीं थे…
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