ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
जिन्हें है प्यार वतन से, वो देश के लिए अपना लहू बहाते हैं माँ की चरणों में अपना शीश चढ़ाकर, देश की आजादी बचाते हैं देश के लिए हँसते-हँसते अपनी जान लुटाते हैं…………………………
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