ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
धोखा दिया था जब तूने मुझे. जिंदगी से मैं नाराज था, सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं. मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था
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