उस शख्स से फ़क़त,
.... इतना सा ताल्लुक है
मेरा,
वो परेशान होता है,..
.......तो
...
..
.
मुझे नींद नही आती है.....
Tuesday, June 14, 2016
शख्स
तेरे बारे में जब सोचा नहीं था
तेरे बारे में जब सोचा नहीं था
मैं तन्हा था मगर इतना नहीं था
तेरी तस्वीर से करता था बातें
मेरे कमरे में आईना नहीं था
समंदर ने मुझे प्यासा ही रखा
मैं जब सहरा में था प्यासा नहीं था
मनाने रूठने के खेल में हम
बिछड़ जाएँगे ये सोचा नहीं था
सुना है बंद कर लीं उसने आँखें
कई रातों से वो सोया नहीं था
-Meraj Faizabadi
निदा फ़ाज़ली
कभी बादल, कभी कश्ती, कभी गर्दांब लगे,
वो बदऩ जब भी सजे, कोई नया ख्वाब़ लगे__!
_____निदा फ़ाज़ली
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