Tuesday, June 14, 2016

तेरे बारे में जब सोचा नहीं था

तेरे बारे में जब सोचा नहीं था
मैं तन्हा था मगर इतना नहीं था

तेरी तस्वीर से करता था बातें
मेरे कमरे में आईना नहीं था

समंदर ने मुझे प्यासा ही रखा
मैं जब सहरा में था प्यासा नहीं था

मनाने रूठने के खेल में हम
बिछड़ जाएँगे ये सोचा नहीं था

सुना है बंद कर लीं उसने आँखें
कई रातों से वो सोया नहीं था

-Meraj Faizabadi

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