ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
मैं हूँ भी तो लगता है कि जैसे मैं नहीं हूँ तुम हो भी नहीं और ये लगता है कि तुम हो
--- अहमद सलमान
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