Monday, November 21, 2016

गोविंद गुलशन

क़रीब जाने से चलता है पता शख़्सियत का
ज़मीं से चाँद ज़रा-सा दिखाई देता है

दिल है उसी के पास, हैं साँसें उसी के पास
देखा उसे तो रह गईं आँखें उसी के पास

-गोविंद गुलशन

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