ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
दर्द कितना खुशनसीब है जिसे पा कर लोग अपनों को याद करते हैं, दौलत कितनी बदनसीब है जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है..!!
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