ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
सात समंदर अपनी जेब में पाले हैं कतरा कतरा दरिया पीने वालें हैं
तुने जाडुं ऐसे फ़ेरा बे-रहमी से ईसी वजह तो मेरे दिल पें छाले हैं
- जोगी जसदनवाला
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