ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
मेरा कमाल-ए-शेर बस इतना है ऐ 'जिगर' वो मुझ पे छा गए मैं ज़माने पे छा गया
- जिगर मुरादाबादी
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