Thursday, March 17, 2016

भवानीप्रसाद मिश्र

कल हमारे चाँद सूरज और तारे
बदल जायेंगे लगेंगे अमित प्यारे
टूट जायेगा हमारा कड़ा घेरा
और होगा मुक्त कल पहला सबेरा
यह सबेरा सार्थक जिस बात से हो
काम वह अपना शुरू इस रात से हो
-भवानीप्रसाद मिश्र

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