रंगीन रातों पै सवेरा हो तो अच्छा !
आदमी तम्मनाओं से भरा हो तो अच्छा !!
साज-ए-आवाज-ए-दिल से भरी जिन्दगी !
दिल की बातों पै भरोसा हो तो अच्छा !!
चाहतों का फैसला तदबीर से करे !
आलम में जीने का फैसला हो तो अच्छा !!
जिक्र लाजमी वही जो बयाँ मुद्दई हो !
वरना लबों पै मौन का वास्ता हो तो अच्छा !!
दिल की हसरत दिलमें न दबाना कभी"शील" !
दर्दे-उल्फत हो ,पर मदावा हो तो अच्छा !!
...हेमशिला माहेश्वरी.."शील"...
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