ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
ज़िन्दगी जब भी मुस्कराएगी हर झरोखे से महक आएगी
ज़रा खोलो तो पंख हिम्मत के ये ज़मीं छोटी नज़र आएगी
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