ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
वो मेरे दिल पर सिर रखकर सोई थी बेखबर; हमने धड़कन ही रोक ली.......... कि कहीं उसकी नींद ना टूट जाए।
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