ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
बहुत रुलाया उस बेवाफा ने मुझे, ऐ मौत अगर तू - साथ - दे, तो उसको भी रुलाने का इरादा है...
No comments:
Post a Comment