ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
"कान्हा मत मारो पिचकारी कोई रंग न चढ़ी, रंगी मेरी चूनर प्रेम रंग सो दूजो रंग न चढ़ी. बरसे गुलाल रंग मोरे अंगनवा अपने ही रंग में रंग दे मोहे सजनवा." ~ Ankyta Hirpara
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