Tuesday, February 2, 2016

खून

जो  खून  ए  दिल  में  डुबो  ली  हैं  उँगलियाँ  मैं ने,
लिखी  है  तब  कहीं  ज़ुल्मों  की  दास्ताँ  मैं  ने...!!!

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