ये मस्तो की प्रेम सभा है, यहा संभलकर आना जी......
दो क़दम तुमसे चला जाता नहीं है दोस्त, हम यहाँ वक़्त की रफ़्तार संभाले हुए हैं...!!!
(Thanks :: Karim Movar)
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